Wednesday, December 31, 2014

Happy New Year

आज की सुबह आई है 
कुछ धुंधलायी सी, कुछ उदास सी 
कुछ सोच में डूबी 
बीत चूका एक और साल यूं ही 
बहुत कुछ रह गया करने को बाकी 
कई बातें रह गयी अनकही अब भी 
कुछ जज़्बात हैं, कुछ आंसूं हैं 
आँखों में छुपे हुए अब भी 
कुछ खुशियां हैं अधूरी,
और बाकी हैं अब भी 
कुछ दोस्तों की महफ़िलें,
और कुछ दोस्तों का मिलना 
भी बाकी है अब भी 
हंसी के टेहके बचे हैं कुछ अब भी 
चलो इसी लिए कर लें 
नए साल को सलाम अब 
हर अधूरा काम हो पूरा अब 
हर ख़ुशी, हर सपना हो पूरा अब 
कल की सुबह जो आएगी 
हो वह उजालों में धूलि,
नए ख्वाहिशों में लिपटी अब 
उजाले हों साथ, ख्वाहिशें हो पूरी 
इसी उम्मीद को लिए मन में,
चलो करो इस साल को विदा 
नया साल हो मुबारक सब को !!!